लोहिया के समाजवाद-एक विश्लेषणात्मक अध्ययन


Published Date: 16-04-2025 Issue: Vol. 2 No. 4 (2025): April 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांश: राम मनोहर लोहिया भारतीय समाजवाद के एक प्रमुख चिंतक थे, जिन्होंने भारतीय सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संरचनाओं को ध्यान में रखते हुए एक स्वदेशी समाजवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उनका समाजवाद केवल आर्थिक समानता तक सीमित नहीं था, बल्कि सामाजिक न्याय, जातिवाद का उन्मूलन, लिंग समानता, ग्रामीण विकास और भाषा आधारित पहचान जैसे विविध पहलुओं को समाहित करता है। लोहिया ने पश्चिमी समाजवादी विचारधारा की आलोचना करते हुए भारत के संदर्भ में एक व्यावहारिक और जनोन्मुख समाजवादी मॉडल का प्रतिपादन किया। इस शोध में लोहिया के समाजवादी सिद्धांतों का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया है, जिसमें उनके विचारों की प्रासंगिकता, प्रभाव और सीमाओं पर गंभीर विमर्श प्रस्तुत किया गया है। अध्ययन यह भी दर्शाता है कि लोहिया का समाजवाद आज के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में कितना प्रासंगिक है और उसमें क्या संभावनाएं निहित हैं।
कुंजी शब्द: राम मनोहर लोहिया, समाजवाद, सामाजिक न्याय, जातिवाद, लिंग समानता, भारतीय राजनीति, आर्थिक समानता.