झांसी जनपद में भूमि उपयोग परिवर्तनः कारण, प्रभाव और पर्यावरणीय परिणाम


Published Date: 12-03-2025 Issue: Vol. 2 No. 3 (2025): March 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांशः विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में भूमि उपयोग प्रतिरूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। प्रस्तुत अध्ययन बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी जनपद में भूमि उपयोग और भूमि आवरण में हुए परिवर्तनों को रेखांकित करता है। अध्ययन में इन परिवर्तनों की प्रकृति,कारण और प्रभावों,का विश्लेषण किया गया है। जनसंख्या वृद्धि, बढ़ती खाद्यान्न मांग, नगरीकरण, औद्योगिक विकास, आधारभूत संरचना विकास आदि भूमि उपयोग एवं भूमि आवरण में परिवर्तन के प्रमुख कारण हैं। इन सभी के प्रभाव स्वरूप कृषि और प्राकृतिक भूमि का निर्माण क्षेत्र में रूपांतरण हुआ है। भूमि उपयोग परिवर्तन ने जनपद के आर्थिक,सामाजिक,पर्यारणीय परिदृश्य को प्रभावित किया है। प्रमुख प्रभाव कृषि भूमि में कमी, कृषक समुदायों का विस्थापन, वन विनाश, जैव विविधता ह्रास,मृदा अपरदन, उत्पादकता में कमी, भूमिगत जल भंडार में परिवर्तन आदि हैं। अध्ययन उपरोक्त परिवर्तनों के कारण उत्पन्न सामाजिक आर्थिक एवं पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान हेतु भूमि उपयोग नियोजन, वनारोपण,जैवविविधता संरक्षण, आदि की आवश्यकता को रेखांकित करता है ताकि पर्यावरणीय नुकसान को न्यूनतम रखते हुए संतुलित आर्थिक सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्य शब्दः भूमि उपयोग परिवर्तन, नगरीकरण,औद्योगिक विकास, कृषि भूमि, वन विनाश, जैव विविधता ह्रास, भूमि उपयोग नियोजन.