Call for Paper: Last Date of Paper Submission by 29th of every month


Call for Paper: Last Date of Paper Submission by 29th of every month


भागलपुर जिला (बिहार) में भूमि उपयोग एवं कार्यरत श्रमिकों का कृषि पर प्रभावः एक भौगोलिक अध्ययन

प्रशांत कुमार, शोध छात्र, एम. ए., यू. जी. सी.-नेट, स्नातकोत्तर भूगोल विभाग, तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर डॉ. प्रशांत कुमार, सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर भूगोल विभाग, तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर   DOI: 10.70650/rvimj.2025v2i3002   DOI URL: https://doi.org/10.70650/rvimj.2025v2i3002
Published Date: 03-03-2025 Issue: Vol. 2 No. 3 (2025): March 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download

सारांशः वर्तमान अध्ययन भागलपुर जिला में भूमि उपयोग एवं कार्यरत श्रमिकों का कृषि पर प्रभाव पर केंद्रित है। कृषि उत्पादकों में मुख्य उत्पादन कारक भूमि और श्रम हैं। भागलपुर जिले में कुल जनसंख्या का 52.44 प्रतिशत कार्यशील जनसंख्या है, जो भारत और बिहार की तुलना में अधिक है। देश में कृषि क्षेत्र हो या गैर-कृषि क्षेत्र, दोनों में कार्यरत श्रमिकों (जनसंख्या) की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और भूमि पर जनसंख्या का दवाब बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में उचित और उत्पादक भूमि उपयोग (कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र में) और कार्यरत श्रमिकों का उचित उपयोग आवश्यक हो गया है। भागलपुर जिले के प्रशासनिक विभाजन में भागलपुर प्रमंडल एवं तीन अनुमंडल शामिल हैं। भागलपुर, कहलगांव, और नौगछिया। इस जिले में कुल 16 प्रखंड, 242 पंचायत और 1535 राजस्व ग्राम हैं। ग्रामीण जनसंख्या 80.17 प्रतिशत और नगरीय जनसंख्या 19.83 प्रतिशत है, जबकि दशकीय वृद्धि 25.4 प्रतिशत (2011) है। जिले की साक्षरता दर 63.1 प्रतिशत है। भागलपुर जिले की जनसंख्या की व्यवसायिक संरचना पिछड़ी अर्थव्यवस्था का द्योतक है, जिसमें उद्योग, व्यापार, परिवहन और अन्य तृतीयक सेवाओं का महत्व अत्यंत न्यून है। यहां के गरीब कृषक और कृषि श्रमिक अन्य रोजगार की तलाश में दूसरे जिलों और दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। इस अध्ययन में आँकड़ा विश्लेषण एवं तालिका निर्माण के लिए म्गबमस ैीममज का प्रयोग किया गया है। इसके लिए द्वितीयक स्रोतों से आंकड़े एकत्रित किए गए हैं, और व्यक्तिगत सर्वेक्षण के अनुभवों के आधार पर भागलपुर जिले में भूमि उपयोग एवं कार्यरत श्रमिकों का अध्ययन किया गया है, ताकि नियोजित भूमि उपयोग के जरिए क्षेत्र का ग्रामीण विकास संभव हो सके। जो कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में भूमि उपयोग एवं कार्यरत श्रमिकों का कृषि पर प्रभाव अध्ययन को एक नई दिशा प्रदान करता है।

मुख्य शब्दः भूमि उपयोग, कार्यरत श्रमिक, कृषि, दशकीय वृद्धि, व्यवसायिक संरचना।


Call: 9458504123 Email: editor@researchvidyapith.com