आधुनिक भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था का विकास और उसका प्रभाव


Published Date: 02-03-2025 Issue: Vol. 2 No. 3 (2025): March 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांशः आधुनिक भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था ने आर्थिक संरचना और विकास प्रक्रिया में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। डिजिटल इंडिया मिशन (2015) के तहत सरकार ने डिजिटल लेन-देन, ई-कॉमर्स, डिजिटल बैंकिंग, और इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ तेजी से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित हुईं। आज डिजिटल भुगतान प्रणाली, जैसे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, मोबाइल वॉलेट्स, और इंटरनेट बैंकिंग, भारतीय अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। डिजिटल अर्थव्यवस्था के बढ़ते प्रभाव से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को वैश्विक बाजारों से जोड़ने में सहायता मिली है, जिससे छोटे व्यापारियों को नए अवसर प्राप्त हुए हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart, और Myntra) ने उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव लाया और ऑनलाइन खरीदारी को लोकप्रिय बनाया। साथ ही, डिजिटल हेल्थकेयर, ऑनलाइन शिक्षा, और रिमोट वर्किंग के विस्तार ने डिजिटल इनोवेशन को प्रोत्साहित किया। हालाँकि, डिजिटल अर्थव्यवस्था के समक्ष कई चुनौतियाँ भी हैं। साइबर सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, डिजिटल विभाजन, और डिजिटल साक्षरता की कमी जैसी समस्याएँ अभी भी मौजूद हैं, जो डिजिटल विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट एक्सेस और डिजिटल जागरूकता का अभाव डिजिटल असमानता को जन्म देता है। भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, और 5जी तकनीक डिजिटल अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएंगे। डिजिटल अवसंरचना को मजबूत करने, साइबर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और डिजिटल शिक्षा को प्राथमिकता देने से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयाँ मिल सकती हैं। कुल मिलाकर, डिजिटल अर्थव्यवस्था भारत के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और नवाचार को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
मुख्य शब्दःडिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल इंडिया, ऑनलाइन भुगतान, ई-कॉमर्स, वित्तीय समावेशन, कृ त्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, डिजिटल विभाजन, आर्थिक विकास, नवाचार।