असंगठित क्षेत्र एवं प्रवासः पटना नगर निगम का एक भौगोलिक अध्ययन योगदान


Published Date: 07-12-2024 Issue: Vol. 1 No. 5 (2024): December 2024 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांश- प्रवास एक भौगोलिक तथ्य जो प्रत्येक युग की मानवीय आवश्यकता रहा है। जिस स्थान पर जीवन कठोर होता है, उस स्थान को छोड़कर मानव ऐसे स्थान पर स्थानांतरण करता है, जहां जीवन तुलनात्मक दृष्टि से सुगम होता है। बिहार में जनसंख्या की तुलना में बेरोजगारी, निर्धनता, अशिक्षा उच्च स्तरीय है। बिहार देश के प्रत्येक राज्य को श्रम बल उपलब्ध करवाता है। इसका प्रमुख कारण बिहार की भौगोलिक परिदृश्य के अंतर्गत जल प्रबंधन की कमी के कारण बाढ़ और सुखार की समस्या, किसानों के छोटे जोत, जीवन निर्वाह कृषि, उद्योगों की कमी के कारण राज्य में गरीबी तथा बेरोजगारी बढी है। अनौपचारिक क्षेत्र में संलग्न कार्य बल शहरी बुनियादी ढांचे का रीड होता है परंतु अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को अनेक चुनौतियों यथा अपर्याप्त आय, कम उत्पादकता, कार्य के विपरीत परिस्थितियां, लैंगिक असमानता असमान वेतन, बलातश्रम बंधुआ मजदूरी एवं बाल मजदूरी कुशलता प्रमाण पत्र की अनुपलब्धता, नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों में कमी, रोजगार की मौसमी प्रवृत्ति आदि है। जिससे प्रवासी श्रमिकों के मूल अधिकारों में व्यापक हनन होता है। कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से लॉकडाउन लगने के कारण मंदी एवं आर्थिक चुनौतियों के कारण जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव इन प्रवासी श्रमिकों पर पड़ा। वर्तमान अध्ययन का मुख्य उद्देश्य अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की समस्याएं तथा चुनौतियों की पहचान कर उसके समाधान हेतु सुझाव समर्पित करना। वर्तमान अध्यक्ष प्राथमिक तथा द्वितीय का आंकड़ों पर आधारित है।ेषण करता है।
मुख्य शब्दः असंगठित क्षेत्र, श्रम बल, बेरोजगारी ,गरीबी, प्रवास, कोविड-19।